Wednesday, August 20, 2014

Lafz

कुछ कहना ही है मेरे यार

तो बोल वो लफ्ज़

जो मेरी मांगी हुई दुआ बन जाएँ

चुप रहना ही है मेरे यार

तो ले चल वहां

जहाँ मेरी दुआ कुबूल हो जाये

Monday, August 18, 2014

तू गुज़री है बहुत पास से मेरे
तुझे खोने से जी डरता है

यूँ तो सुनाती है दास्ताँ-ए-ज़िन्दगी तू
तेरी आँखों की ख़ामोशी से जी डरता है

आ गयी इस शाम की सुबह भी चलते चलते
अब तेरे रूबरू न होने से जी डरता है