Elements!
Memories and poetries . . .
Sunday, March 2, 2014
कहते रहे वो अक्सर
ये दुनिया जायज़ नहीं
और हम, सोचते रहे
ख़ामोशी से
तेरे मिलने से मुनासिब
और क्या होगा।
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