Elements!
Memories and poetries . . .
Thursday, May 8, 2014
D23
उथल पुथल सी हो रही हैं धड़कने
अंगारे उगल रही हैं करवटें
अब तेरी नज़रों की छाव में ही
नींद की वो पलक झपकेगी
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