कुछ पंख मुरझा जाते हैं
कुछ नाज़ुक हो जाते हैं
वक़्त का सितम
इतना आसान नहीं होता
धन की बुनियाद पर बनते हैं रिश्ते
पर साथ देता हैं मेरा
आज भी वो दोस्त
जैसे पुराना कोई क़र्ज़ चुका रहा हो
जो बिना अपनी जेब टटोले
सीना थामे
उड़ने देता हैं
आशा की एक किरण
और मेरे कई हज़ार सपने
और छू लेता हैं
दिल का हर एक हिस्सा
जो खिलखिला उठता हूँ
में ये सोच कर
की फ़िक्र न कर
एक फरिश्ता है तेरा हाँथ थामे