Elements!
Memories and poetries . . .
Friday, April 4, 2014
Khamoshi
उनकी ख़ामोशी
एक सैलाब सी
हम जान
मुसाकत कर बैठे
टटोल कर जेब
कुछ पुरानी यादों को
आज़ादी की
रकम बना बैठे
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