एक तिनके की चिंगारी में
रिश्तों की पेटी जल गयी
तुम्हारे कुछ खत भी थे उनमें
चादर को तह कर छुपाये थे जो मैंने
जिन्हे पढ़,
सुकून की उबासियाँ लेता था
अब जाने रात नींद कैसे आएगी
रिश्तों की पेटी जल गयी
तुम्हारे कुछ खत भी थे उनमें
चादर को तह कर छुपाये थे जो मैंने
जिन्हे पढ़,
सुकून की उबासियाँ लेता था
अब जाने रात नींद कैसे आएगी
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