पेन पेपर छोड़
अब मोबाइल का सहारा ले लिया है
सुबह की चाय से लेकर
रात की करवट भी
अब स्क्रीन देखकर गुज़र जाता है
किताब, जो लिखनी थी बरसों से
उसके हिस्से का वक़्त अब
दुसरो के ब्लॉग पढ़कर गुज़रता हूँ
अब मोबाइल का सहारा ले लिया है
सुबह की चाय से लेकर
रात की करवट भी
अब स्क्रीन देखकर गुज़र जाता है
किताब, जो लिखनी थी बरसों से
उसके हिस्से का वक़्त अब
दुसरो के ब्लॉग पढ़कर गुज़रता हूँ
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