Elements!
Memories and poetries . . .
Friday, August 2, 2013
Manzil
दूर किनारों में मंज़िल मेरी
रोशन तकदीर से भी क्या वास्ता
रास्ता गर होता उस मुकाम का एक भी
चलना तो में गिर कर भी सीख लेता
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