Friday, January 15, 2021


कई किनारे छोड़ दिए
तुझे पाने की चाह में
ए जिन्दगी,
मैंने सैलाबों पर चलना सीख लिया,
गर तू ना मिली आखिर
तेरी खोज को मुकाम समझ लेंगे।

Wild Rose


सर्द की परछाई में
सैकड़ों पेड़ कांटे हो जाएंगे
नदियां बर्फ और रास्ते बंद हो जाएंगे
फ़िर किसी सुबह
वादियों का एक गुलाब
इन्हीं कांटों में अपनी रूह पकड़
खिल उठेगा
और इस सियाह ओ सफेद को
अपना रंग देकर आरुश कर देगा