Elements!
Memories and poetries . . .
Monday, December 16, 2013
Sanjh
अपनी ही धुन में
ढलते ढलते
एक हसीन सांझ ने
धूप के रंगों से
चुन कर तेरे काले घने केसू
मेरे दिल की सूनी दीवार को
रंग दिया
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