किससे हज़ार पुराने वो
महफ़िलों में बयान करते हैं
दास्तान-ए-इश्क़ की टूटी कहानी
बाज़ारों में सुनाया करते हैं
गम का काफिला बड़ी आसानी से मिलता है उन्हे
वरना इस दर्द-ए-इज़हार को लोग
खामोशी से अपनाया करते हैं
महफ़िलों में बयान करते हैं
दास्तान-ए-इश्क़ की टूटी कहानी
बाज़ारों में सुनाया करते हैं
गम का काफिला बड़ी आसानी से मिलता है उन्हे
वरना इस दर्द-ए-इज़हार को लोग
खामोशी से अपनाया करते हैं
*काफिला = Caravan
No comments:
Post a Comment